मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012
kavita: swami vivekananda
kavita: swami vivekananda: एक लड़का जो जन्म लेता है और अपने को एक संकरी गली में पाता है वह एक कदम आगे बढ़ता है ...
शनिवार, 11 फ़रवरी 2012
swami vivekananda
एक लड़का जो जन्म लेता है
और अपने को एक संकरी गली में पाता है
वह एक कदम आगे बढ़ता है
और ह्रदय से सोचना शरू कर देता है
उन चीजो के बारे में जो उसके आस पास
घटित होती है
लोग जो
बलहीन, आदर्श हीन ,कर्महीन
हो चुके है
वो इंतजार शुरू करता है
की कोई बोले
वो सुबह उठता है और इंतजार करता है
शाम ढलने का
लोग लेटे रहते है सारा सारा दिन
और एक दिन वो बोलना शुरू कर देता है
खुद ही
और लोग सुनना शुरू कर देतेहै
उसने छोड़ दिया खुद को दूसरो में समाहित होने के लिये
वो आपके लिये
अलग भाषा ग़ ढता है
जो स्वीकार्य हो सबके लिए
वो घूमता है देर सवेर
देश भर में नंगे पैर बेलौस , बेख़ौफ़
ह्रदय हीन ,बलहीन ,ज्ञानी - अज्ञानी दुर्बलो के बीच
वो जागता है देर रात तक समाधी में आपके
आदर्श के लिए
सुन्य में विलीन होने को अपनी अनंत इच्छा को
छोड़कर
वो लड़ता है आपके लिए , दौड़ता है आपके लिए लगातार पूर्व से पछिम
वो सोया है कई कई रात ठंडी बर्फीली हवाओ में जहा जो के डेक पर
निर्जन वन में
खूंखार जंगली शेरो के बीच में
वो देखो वो भारी प्लेग के बीच आपके नगर में दौड़ रहा है
नंगे पैर
तीमारदारी के लिए
वो तुम्हे एक आदर्श देता है
वो तुम्हे अनंतता की ओर जाते देखना चाह ता है
उसका ह्रदय दुखी है
हमारे असम्मत आ ड म्पूर्ण कटोरे को लबालब भरा देखकर
हम जो न ख ही न, दंतहीन बन चुके थे
ओर एक साथ
एक अधिक पक्न्ति में साथ चल रहे थे
झुककर
चुनना ही होगा हमें विभिनता के नए नए पथ क्योकी एक मार्ग में मरत्यु अधिक परिणाम में मौजद है
ऐसा उसने कहा था .
खूंखार जंगली शेरो के बीच में
वो देखो वो भारी प्लेग के बीच आपके नगर में दौड़ रहा है
नंगे पैर
तीमारदारी के लिए
वो तुम्हे एक आदर्श देता है
वो तुम्हे अनंतता की ओर जाते देखना चाह ता है
उसका ह्रदय दुखी है
हमारे असम्मत आ ड म्पूर्ण कटोरे को लबालब भरा देखकर
हम जो न ख ही न, दंतहीन बन चुके थे
ओर एक साथ
एक अधिक पक्न्ति में साथ चल रहे थे
झुककर
चुनना ही होगा हमें विभिनता के नए नए पथ क्योकी एक मार्ग में मरत्यु अधिक परिणाम में मौजद है
ऐसा उसने कहा था .
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